इस 1 हफ्ते एक ऐसा फैसला होगा जो पूरी दुनिया को हिला देगा—शेयर बाजार से लेकर सोना और चांदी तक पर इसका असर पड़ेगा। Profit !

अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व, अगले हफ्ते एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा कर सकता है, जिसका वैश्विक शेयर बाजार को लंबे समय से इंतजार है। फेडरल रिजर्व की मोनेटरी कमेटी 17 और 18 सितंबर को पॉलिसी बैठक करेगी। इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी 18 सितंबर को फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल देंगे। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से दो महीने पहले इस बैठक में ब्याज दरों में कटौती का निर्णय लिया जा सकता है।

फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल और अन्य अमेरिकी फेड अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। हालांकि, यह फैसला महंगाई और श्रम बाजार के आंकड़ों के आधार पर ही लिया जाएगा। फेड का महंगाई को 2% तक लाने का लक्ष्य है।

फेड ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि दरों में कटौती का निर्णय आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगा। लेकिन अगर बुधवार को ब्याज दरों में कमी की घोषणा होती है, तो भी जेरोम पॉवेल की समस्याएं पूरी तरह से समाप्त नहीं होंगी।

शेयर बाजार में दरों में कितनी बार कटौती की उम्मीद?

“हालांकि एनालिस्ट इस बार ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन भविष्य की संभावनाओं पर अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है। बुधवार को फेड अपनी आगे की रणनीति के बारे में जानकारी देने वाला है, और इसके संभावित प्रभावों पर शेयर बाजार की नजर होगी। जून की बैठक में FOMC सदस्यों ने इस साल संभावित दर कटौती की संख्या को कम कर दिया था।

पहले उन्होंने अनुमान लगाया था कि इस साल ब्याज दरों में तीन बार कटौती हो सकती है, लेकिन अब यह संख्या घटकर एक बार के लिए रह गई है। हालांकि, महंगाई में कमी और श्रम बाजार की कमजोरी को देखते हुए, एक से अधिक बार दरों में कटौती की संभावना पर चर्चा हो रही है। इसके संभावित असर को शेयर बाजार पर भी देखा जाएगा, जहाँ निवेशक फेड के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।

शेयर बाजार में दरों में कितनी बड़ी कटौती की संभावना?

फेड के सदस्य 17 और 18 सितंबर को इस पर विचार कर सकते हैं कि ब्याज दरों में 25 या 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की जाए। यदि दरों में कटौती का ऐलान किया जाता है, तो यह मार्च 2020 के बाद पहली बार होगा जब अमेरिकी केंद्रीय बैंक ऐसा कदम उठाएगा। मार्च 2020 में फेड ने कोविड-19 महामारी के दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए दरों में कटौती की थी।

इसके बाद, महंगाई को नियंत्रित करने के लिए फेड ने 2022 में ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू किया था। महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका में महंगाई बढ़ गई थी। वर्तमान में ब्याज दरें 5.25-5.50% के बीच हैं, जो कि लगभग दो दशकों के उच्चतम स्तर पर हैं। पिछले 14 महीनों से ये दरें इसी स्तर पर बनी हुई हैं। फेड दरों में कटौती के लिए आर्थिक स्थिति में सुधार का इंतजार कर रहा था।

अब, अगर फेड दरों में कटौती का ऐलान करता है, तो इसका प्रभाव शेयर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है। हाल के आंकड़े दिखाते हैं कि महंगाई कम हो रही है, लेबर मार्केट में तेजी आ रही है, और अर्थव्यवस्था में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। यही वजह है कि इस बार दरों में कटौती की संभावना सबसे अधिक जताई जा रही है, और इसके कारण शेयर बाजार में सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद की जा रही है।

अब यह देखना होगा कि फेड कितना आक्रामक रुख अपनाता है – क्या वह 25 बेसिस प्वाइंट की मामूली कटौती करेगा या 50 बेसिस प्वाइंट की बड़ी कटौती करेगा। अगर फेड आक्रामक कदम उठाता है, तो इससे लेबर मार्केट को मदद मिलेगी और शेयर बाजार में भी तेजी आ सकती है, लेकिन महंगाई के फिर से बढ़ने का जोखिम भी रहेगा। इसलिए, निवेशकों की नजर फेड के फैसले पर होगी और इसके प्रभाव को शेयर बाजार में देखा जाएगा।


		

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